मेडिक्लेम बीमा यह “जोख़िम प्रबंधन” (Risk Management) का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। वित्तीय आयोजन (Financial Planning) में मेडिक्लेम यह “संपत्ति सुरक्षा उपकरण” (Asset Protection tool) माना जाता हैं। कोई ऐसी बीमारी जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता हैं उसमे बड़ी राशि ख़र्च हो सकती हैं। अगर परिवार ने अपने आप को एक पर्याप्त मेडिक्लेम से सुरक्षित नहीं किया तो अपनी उम्र भर की जमा की हुई बचत को तोड़ना पड़ता हैं। एक परिवार बड़ी मुश्किल से बूँद बूँद में पैसा बचाता हैं; कोई एक ऐसी घटना एक ही बार में पूरे जीवन की जमा की हुई पूँजी को उड़ा देता हैं।
सौभाग्य से, हाल के वर्षों में लोग स्वास्थ्य बीमा के महत्व के बारे में बहुत जागरूक हो गए हैं। मेरे व्यवसाय के कारण मुझे कई लोगो से मिलाना होता हैं। एक सामान्य सवाल जो अक्सर मेरे सामने आता हैं, वह है “किसी परिवार के लिए पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य बीमा कितनी राशि का होना चाहिए?”
हमारे स्वास्थ्य बीमा खरीदने या नवीनीकृत करने से पहले कुछ मुद्दों पर विचार करने की आवश्यकता है।
1.आयु: बढ़ती उम्र से बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। आंकड़े कहते हैं कि 45 साल की उम्र पार कर चुके लोगों में बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। 45 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले और मधुमेह या रक्तचाप जैसे किसी भी बड़े विकार के हमारे शरीर में प्रवेश करने से पहले हमें एक पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा खरीदना चाहिए। “कोई बीमारी आए तो मैं स्वस्थ्य बिमा निकालू”, ऐसी मूर्ख़ता न करें। बड़ी बीमारी लागू होने के बाद कोई भी बिमा कंपनी स्वस्थ्य बिमा नहीं देती।
2.वह क्षेत्र जहाँ आप रहते हैं: यदि आप मेट्रो शहर या अन्य शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, तो उपचार-ख़र्च की लागत ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, तो 5 से 7 लाख स्वास्थ्य बीमा पर्याप्त हैं। लेकिन चूंकि इन क्षेत्रों में अच्छी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है, अंततः लोग बड़ी बीमारियों या सर्जरी के मामले में इलाज के लिए शहरी क्षेत्रों में आते हैं। इसलिए स्वास्थ्य बीमा राशि ग्रामीण निवासियों के लिए भी समान होनी चाहिए।
3.महंगाई: भारत में सामान्य महंगाई (दिन-प्रतिदिन वस्तुओं जैसे चावल, दाल आदि के लिए) लगभग 6% से 9% है। लेकिन चिकित्सा लागत पर महंगाईका आकलन 14% से 20% प्रति वर्ष के आसपास किया जाता है। इसका मतलब है कि कोई भी उपचार या सर्जरी जिसकी कीमत आज 1 लाख रुपये है, उसकी कीमत अगले साल 1,14,000 या 1,20,000 रुपये हो सकती है। इसके बाद के वर्ष में आपकी लागत 1,30,000 या 1,45,000 हो सकती है और हर साल उस दर से वृद्धि होती रहेगी। किसी भी बीमारी के उपचार के लिए आने वाले 5 से 6 वर्षो बाद आज के मुकाबले आपको दोगुनी कीमत चुकानी पड़ेगी। महंगाई की यह दर बहुत ज्यादा हैं। हमें हर साल उपचार-ख़र्च की बढ़ती लागत के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
लेकिन हर साल मेडिक्लेम को बढ़ाना यह व्यावहारिक नहीं। हम सभी अपने नौकरी धंदेमें इतने व्यस्त रहते हैं कि मेडिक्लेम के प्रीमियम का भुगतान भी किसी अन्य बिल की तरह ही कर देते हैं। अत: यह जरुरी हैं कि अगली बार जब आप मेडिक्लेम नवीनीकृत करें या नया मेडिक्लेम ख़रीदे तो अगले 5 वर्ष की महंगाई को ध्यान में रखकर निर्णय ले।
4.गंभीर बीमारियां और बड़ी सर्जरी: हृदय रोग, मस्तिष्क का स्ट्रोक, कैंसर, महत्त्वपूर्ण अंगोकी विफलता (major organ failure), यह सब गंभीर बिमारियों के इलाज एक बड़ी राशि चुकानी पड़ती हैं।
इसके अलावा लिवर ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट ट्रांसप्लांट, बोन-मेरो ट्रांसप्लांट, न्यूरोलॉजिकल सर्जरी, जैसी बड़ी सर्जरी में भी एक बड़ी धन राशि लगती हैं।
हमारा मेडिक्लेम इतनी पर्याप्त राशि का होना चाहिए ताकि हम इन सभी आपदाओं से निपट सके।
5.बिमा कंपनी जितना स्वस्थ्य बिमा ऑफर करे उसे ले लेना : स्वस्थ्य बिमा के कुछ विशेषज्ञ का मानना हैं कि स्वस्थ्य बिमा जितना मिलता हैं उतना ले लेना चाहिए। यह संभव हैं कि कुछ उम्र बाद या तो मधुमेह, रक्त दबाव जैसे विकार लागू होने के बाद बिमा कंपनी बड़ा स्वस्थ्य बिमा देने से मना करें। आज अगर बिमा कंपनी आपको 1 करोड़ बिमा देती हैं, तो लेना चाहिए, ५० लाख बिमा देती हैं तो भी लेना चाहिए। कृपया इसमें यह दलील न करें कि “इतनी बड़ी बिमा राशि की क्या आवश्यकता हें?”
अगर महंगाई को बाजू पर रखे तो भी एक परिवार का फॅमिली फ्लोटर स्वस्थ्य बिमा आज के समय में 25 लाख से 30 लाख होना बहुत जरुरी हैं। अगर आनेवाले 5 सालों की महंगाई को ध्यान में ले तो 50 लाख से 60 लाख का बिमा पर्याप्त होगा।
मैं समजता हूँ की स्वस्थ्य बिमा का प्रीमियम भी आज बहुत महंगा हैं; लेकिन मुझे यकीन हैं कि आपका स्वस्थ्य बिमा सलाहकार आपको कम दामों में ज्यादा लाभ कैसे मिले यह आयोजन करने में ज़रूर मदतरूप होगा।
कम प्रीमियम में ज्यादा से ज्यादा बिमा कैसे लिया जाए यह मैं मेरे अगले लेख़ में शामिल करने की कोशिश करूँगा।